अलपुझा लाइटहाउस
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अलप्पुझा लाइटहाउस की स्थापना वर्ष 1862 में त्रावणकोर राज्य में की गई थी। विद्युत प्रकाश व्यवस्था 1960 में चालू की गई। यह लाइटहाउस अलप्पुझा जिला मुख्यालय के पास स्थित है और इसके 3 किलोमीटर के दायरे में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। अलप्पुझा रेलवे स्टेशन, मुख्य डाकघर, सिविल स्टेशन/कलेक्टरेट, जिला पुलिस मुख्यालय और साउथ पुलिस स्टेशन लाइटहाउस से 2 किलोमीटर के भीतर स्थित हैं। राज्य सरकार का एक सामान्य अस्पताल लाइटहाउस से मात्र 2.5 किलोमीटर दूर है। भारत की सबसे लंबी झील वेम्बनाड लाइटहाउस से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (नेदुंबसेरी) है, जो लाइटहाउस से लगभग 85 किलोमीटर दूर है।
अलप्पुझा (स्थानीय रूप में अलेप्पी) नगर सड़क (NH-47) और रेलवे द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह वेम्बनाड झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित है और बैकवाटर नहर प्रणाली का एक प्रमुख केंद्र है। प्रसिद्ध जवाहर ट्रॉफी बोट रेस भी यहीं की बैकवाटर में होती है। अलेप्पी नारियल रेशा (कोयर) उत्पादों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र है।
पूर्ववर्ती त्रावणकोर रियासत में अलेप्पी एक प्रमुख बंदरगाह था। अलेप्पी बंदरगाह और नहर प्रणाली की स्थापना त्रावणकोर के दूरदर्शी दीवान राजा केसव दास ने श्री राम राज बहादुर के शासनकाल में की थी। बंदरगाह वर्ष 1772 में चालू किया गया था और शीघ्र ही भारत और यूरोप के कई बंदरगाहों से जहाज यहां आने लगे थे। 18वीं सदी में नियमित लाइटहाउस नहीं था, केवल एक प्रकाश पीयरहेड पर लगाया गया था जो नाविकों का मार्गदर्शन करता था।
वर्तमान लाइटहाउस टावर का निर्माण मार्तंड वर्मा-II के शासनकाल में शुरू हुआ और इसे 1861 में राम वर्मा के शासनकाल में पूरा किया गया। 28 मार्च 1862 को M/s Chance Bros. बर्मिंघम द्वारा प्रदत्त पहले दर्जे के ऑप्टिकल उपकरण और नारियल तेल के दो-बाती वाले दीपक को स्थापित कर सेवा में लाया गया। यह उपकरण 1952 तक कार्य करता रहा, जब इसे AGA कंपनी के 500 मिमी ड्रम ऑप्टिक और डीए गैस फ्लैशर से बदल दिया गया।
1960 में मुख्य विद्युत आपूर्ति स्टेशन तक पहुंचाई गई और M/s BBT, पेरिस द्वारा प्रदत्त विद्युत चालित चौथे दर्जे की घूमने वाली ऑप्टिक प्रणाली 4 अगस्त 1960 को सेवा में लायी गई। 8 अप्रैल 1998 को डायरेक्ट ड्राइव सिस्टम जोड़ा गया और 30 दिसंबर 1998 को 300 मिमी लालटेन में आपातकालीन प्रकाश व्यवस्था की गई। 28 फरवरी 1999 को इनकैंडेसेंट लैंप को 230V 150W मेटल हैलाइड लैंप से बदल दिया गया।